दिल्ली में 27 वर्षो के लम्बे इंतजार के बाद भारतीय जनता पार्टी वापस दुबारा सता में लौटी है और इसकी कमान “रेखा गुप्ता” को सौपी है |
मैं, रेखा गुप्ता, सत्यनिष्ठा से शपथ लेती हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगी। मैं भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखूँगी। मैं मुख्यमंत्री पद के अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और निष्पक्षता से निर्वहन करूँगी, तथा बिना किसी भय… pic.twitter.com/wapwTJku0X
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) February 20, 2025
कौन है ? रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गाव में 1974 में हुआ | उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की और मेरठ से कानून की डिग्री हासिल की। रेखा गुप्ता जब 2 साल की थी तब उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में नौकरी करते थे बतौर मेनेजर काम करते थे और उनके पिता उनको लेकर दिल्ली चले आये | यहाँ पर इनकी पढाई पूरी हुई और 1976 में पूरा परिवार दिल्ली में रहने लगा | पेशे से वकील है रेखा गुप्ता और उनके पति का नाम मनीष गुप्ता है |
दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने और मुझ पर विश्वास जताने के लिए मैं शीर्ष नेतृत्व और दिल्ली की जनता की हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ। आपका समर्थन मेरी प्रेरणा है, और मैं पूरी निष्ठा से दिल्ली के विकास और जनसेवा के लिए समर्पित रहूंगी।#मुख्यमंत्री #शीर्षनेतृत्व… pic.twitter.com/2U2qM1Nxay
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) February 19, 2025
राजनीतिक करियर
दिल्ली में 27 वर्षो के लम्बे इंतजार के बाद भारतीय जनता पार्टी वापस दुबारा सता में लौटी है और इसकी कमान रेखा गुप्ता को सौपी है | दिल्ली में पढाई करते दौरान वो एबीवीपी से जुडी और उससे पहले बचपन से ही उनका झुकाव शाखा (आरएसएस) की तरफ था और आरएसएस की शाखा में जाना और उनके कार्यक्रम में भाग लेना वही से उनके गहरे सबंध आरएसएस से जुड़े |
आरएसएस से गहरे सबंध होने की वजह से दिल्ली मुख्यमंत्री की सीट में आरएसएस की भी अहम भूमिका बताई जा रही है रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रधान और सचिव भी राह चुकी है इतना सब होने के बावजूद उनके परिवार के लोग जुलाना के अनाज मंडी में अड़क का काम करते है |
रेखा गुप्ता के राजनितिक करियर की बात करे तो वो बीजेपी की तरफ से पहली बार शालीमार बाग सीट से विधायक चुनकर आई है | और रेखा गुप्ता विधायक बनने से पहले वो पार्षद रही है और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व महासचिव और अध्यक्ष भी रही है | बीजेपी की की राष्ट्रीय कार्यकरणी की सदस्य भी रही है रेखा गुप्ता पार्टी की दिल्ली राज्य इकाई की महासचिव भी है |
दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से उन्होंने जीत प्रदान की है | विधायक बनने से पहले वो पार्षद थी और अब मुख्यमंत्री की सीट तक वो पहुँच गयी है | सुषमा स्वराज के बाद भारतीय जानता पार्टी की तरफ से दिल्ली की दूसरी मुख्यमंत्री बनने जा रही है |
रेखा गुप्ता :-शिक्षा
रेखा गुप्ता के शिक्षा के बारे में बात करे तो दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, रेखा गुप्ता, एक शिक्षित और अनुभवी नेता हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद, 2022 में, उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एलएलबी की डिग्री हासिल की।
उनकी शिक्षा और छात्र राजनीति में सक्रियता ने उनके राजनीतिक करियर की मजबूत नींव रखी, जिससे वे आज दिल्ली की मुख्यमंत्री पद तक पहुंची हैं।
भविष्य की उम्मीदें :-
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, रेखा गुप्ता, ने राजधानी के विकास और जनकल्याण के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। उनकी प्राथमिकताओं में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण, भ्रष्टाचार उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, और प्रशासनिक सुधार शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे प्रशासन में पारदर्शिता और जनता का विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
रेखा गुप्ता की नियुक्ति के साथ, दिल्ली में विकास, सुशासन, और महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए प्रयासों की उम्मीद की जा रही है। उनका प्रशासनिक अनुभव और संगठनात्मक कौशल राजधानी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने अपनी कैबिनेट की पहली बैठक बुलाई है, जिसमें कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए जाएंगे। इससे स्पष्ट होता है कि वे त्वरित और प्रभावी शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना और जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना है।
रेखा गुप्ता की नेतृत्व में, दिल्ली सरकार का लक्ष्य एक समावेशी और प्रगतिशील समाज का निर्माण करना है, जहां सभी नागरिकों को समान अवसर और सुविधाएं मिलें।