संयुक्त संसद समिति ने Waqf Act में बदलाव को लेकर मंजूरी दे दी है और अब इसमें जल्द ही बदलाव की तैयारी की जा रही है |

क्या है ? Waqf Act 1995.
पहली बार Waqf Act को 1954 में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए एक कानून बनाया गया। ये एक्ट वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और उनकी सुरक्षा के लिए था। Waqf Act 1995 : बाद में1954 का अधिनियम अपडेट किया गया और इसमें नए प्रावधान शामिल किया गये । फिर इसके बाद इसमें और बदलाव किया गया 2013 में और ये अधिनियम और ज्यादा सुधारों के साथ लाया गया, जो वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और उनकी सुरक्षा के लिए बनाया गया था।ये कानून तो बन गया लेकिन बाद में इसका जमकर दुरुपुयोग हुआ |
Read some of horrible sections of the WAQF Act.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) August 4, 2024
The act NEEDS TO BE ABOLISHED in totality.
Govt must ensure controlling back around Ten Lakh acres of land which is currently "owned" by WAQF. pic.twitter.com/p5CA3LdvwS
और बाद में इनके खिलाफ अतिक्रमण और वक्फ संपत्तियों के अवैध पट्टे और बिक्री की शिकायतों भी बढ़ने लग गयी | रेलवे और रक्षा विभाग के बादपुरे भारत में वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीने है | वक्फ बोर्ड भारत भर में 9.4 लाख एकड़ में फैली 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। इतनी सम्पति इन्होने कैसे बनाई ये कोई भी नहीं जानता है |
क्या है Waqf Act 1995 बदलाव ?

- वक्फ बिल 1995 में बदलावों की सयुक्त संसद समिति ने 27 जनवरी 2025 को मंजूरी दे दी है |
- 1995 Waqf Board वक्फ बिल में बदलाव को लेकर JPC ने 44 संशोधनों पर चर्चा के बाद मंजूरी दे दी है।
- जिसमे NDA सांसदों के 14 सुझावों को स्वीकारा गया, जबकि विपक्ष के प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया।
- NDA सांसदों के 14 सुझावों को स्वीकारा गया, जबकि विपक्ष के प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया।
- सयुक्त संसद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस आखरी बैठक में इनमें 14 सुझावों वाली NDA को मंजूरी दे दी है |
- इसमें विपक्षी सांसदों ने भी कुछ सुझाव रखे लेकिन उन्हें वोटिंग के दौरान उन्हें ख़ारिज कर दिया |
- लेकिन जगदंबिका पाल ने पूरी प्रक्रिया को लोकतांत्रिक बताया और कहा कि ये मंजूरी बहुमत के आधार पर हुई है, विपक्ष के सुझाव इसलिए ख़ारिज हुए क्योकि उनके पक्ष म सिर्फ 10 वोट थे और और उनके खिलाफ 16 वोट थे और JPC की इस रिपोर्ट को बजट सत्र के दौरान पेश किया जायेगा |
क्या बोले विपक्ष सांसद इस पर ?
विपक्ष के द्वारा सरकार पर आरोप लगाये गये और और इसमें तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर तानाशाही का आरोप लगाया, कहा कि ये फैसला पक्षपातपूर्ण है कहा कि हमें बोलने का मौका भी नही दिया गया | और डीएमके सांसद ए राजा ने कहा कि “सोमवार की बैठक में हमने विस्तृत चर्चा की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया |
वहीं कांग्रेस के नासिर हुसैन ने जेपीसी के फैसले पर आरोप लगाते हुए कहा, “जेपीसी की बैठक में संविधान की धज्जीया उड़ाई गई. सरकार ने मनमानी की. सरकार धीरे-धीरे संविधान बदलने की कोशिश कर रही है. अल्पसंख्यकों के अधिकार को दबाया जा रहा है. देश में दो तरह के कानून बनाना चाहते हैं. एक बहुसंख्यक के लिए दूसरा अल्पसंख्यक के लिए.” और ये भी कहा की ये बिल सिर्फ और सिर्फ चुनावी फायदे के लिए ला रही है क्योकि अभी दिल्ली में चुनाव होने है तो इस बिल लाकर अपने लिए वोट भुनाना चाहती है |
निष्कर्ष :-
लेकिन Waqf Act 1995 के बदलावो को लेकर 29 तारीख को इसकी और बैठक होनी है और वो बैठक अंतिम होगी और उस बैठक में जो आज संशोधनों में जो मंजूरी हुई है उसी को इस बैठक में शामिल किया जायेगा और फिर इस बैठक में इस बिल का ड्राफ्ट बनेगा और क्योकि 31 तारीख से संसद का सत्र शुरू होने वाला है तो माना ये जा रहा है की संसद सत्र के पहले ही सप्ताह में इसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी |