बसंत पंचमी 2025 में 2 फरवरी को मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जिसमे माँ सरस्वती जिसे ज्ञान की देवी कहा जाता है इस दिन उनकी पूजा होती है |
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के इस विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है, जब प्रकृति में हरियाली और फूलों की बहार आ जाती है। इस दिन पीले रंग को विशेष महत्व दिया जाता है, जो समृद्धि, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।
पंचमी त्योहार हिंदू धर्म में एक पवित्र और शुभ त्योहार है, जिसे ज्ञान, विद्या, संगीत और वसंत ऋतु के आगमन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है, जो ज्ञान, कला और संगीत की देवी मानी जाती हैं। इस दिन लोग विशेष रूप से पीले वस्त्र पहनते हैं, क्योंकि पीला रंग उत्साह, ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक होता है।इन
इन शुभकामनाओं संदेश फोटो के साथ दे सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं .

ज्ञान और विद्या का प्रकाश आपके जीवन में फैले,
संगीत और कला का आशीर्वाद आप पर सदा बना रहे।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

सरस्वती मां का आशीर्वाद मिले,
जीवन में नित नई सफलता खिले।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

पीले-पीले फूल खिले,
हर खुशी आपको मिले।
ज्ञान और बुद्धि का हो उजियारा,
बसंत पंचमी का यह त्योहार मुबारक हो प्यारा!

सरस्वती मां का वरदान मिले,
हर परीक्षा में आपको सम्मान मिले।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

पतंगों की तरह ऊँचाइयों को छूएं,
संगीत की तरह मन को सुकून मिले।
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आपको ढेरों शुभकामनाएं!

वाणी की देवी मां सरस्वती का आशीर्वाद मिले,
ज्ञान और बुद्धि की रोशनी से जीवन रोशन हो जाए।
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं!

पीला रंग है बसंत का उपहार,
प्रकृति भी महक उठी हर बार।
सरस्वती मां की कृपा बनी रहे,
आपको बसंत पंचमी की ढेरों बधाइयाँ!
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
अर्थ:
जो कुंद के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोतियों की माला के समान उज्ज्वल हैं,
जो श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं,
जिनके हाथों में वीणा और वरद मुद्रा सुशोभित है,
जो श्वेत कमल पर विराजमान हैं,
जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु, महेश और अन्य देवता सदा पूजते हैं,
ऐसी मां सरस्वती हमें अविद्या और अज्ञान से मुक्त करें।
मां सरस्वती का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहे!
निष्कर्ष :-
बसंत पंचमी न केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह नए जोश, नई ऊर्जा और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला पर्व भी है। यह पर्व हमें ज्ञान, कला और प्रकृति के सौंदर्य से जुड़ने की प्रेरणा देता है।
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