Madhbi Puri Buch शेयर बाजार धोखाधड़ी का आरोप : SEBI की पूर्व अध्यक्ष जिस पर शेयर बाजार धोखाधड़ी के आरोप में कोर्ट ने FIR के आदेश दिए. मुंबई के एक कोर्ट ने SEBI पूर्व प्रमुख Madhbi Puri Buch और अन्य पांच लोगो के खिलाफ शेयर बाजार में कथित धोखाधडी और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में एफआईआर करने का आदेश दिया |
माधबी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को सेबी की अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला, जिससे वे इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला बनीं। आपको बता दे की माधबी पुरी बुच का SEBI प्रमुख के रूप में कार्यकाल 28 फरवरी 2025 को ही समाप्त हुआ है |

और उनकी जगह उडीसा कैडर के आईएएस तुहीन कांत पांडे को नया SEBI प्रमुख बनाया गया है जिनका कार्यकाल 3 साल तक रहेगा | और आपको बता दे की कोर्ट ने यह ऑर्डर क्यों जारी किया दरसल यह आदेश स्पेशल जज बांग ने ठाणे बेस जर्नलिस्ट सपन श्रीवास्तव की ओंर से दायर की गयी याचिका पर दिया है |
सपन ने स्टॉक एक्सचेंज पर एक कंपनी की लिस्टिंग में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल फ्रॉड और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था शिकायतकर्ता ने अपने इस आरोपों में तीन तर्क दिये है जिसमे बताया गया है कि
- पहला तर्क ये दिया कि SEBI के अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्य में विफल रहे है, और उन्होंने अपने कर्तव्य को नजरंदाज किया है |
- दूसरा तर्क यह है कि उन्होंने बाजार में पता होने के बावजूद हेरा-फेरी होने दी जिससे निवेशको को अपने नुकसान से इसकी भरपाई करनी पड़ी |
- तीसरा यह है कि SEBI ने बाजार में किसी भी कंपनी के लिस्टिंग के लिये कुछ मापदंड और नियम बनाये है, अगर कंपनी मापदंडो और नियमों पर खरा उतरती है, तो ही उसको लिस्टिंग करने दिया जायेगा लेकिन आरोप ये है, कि वो कंपनी जो मापदंडो और नियमो पर खरा नहीं उतरती है, उसको को भी लिस्टिंग करने की अनुमति दी गयी है |
अदालत ने जांच की निगरानी करने और 30 दिनों के भीतर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इन सबके अलावा भी इनके ऊपर कई और आरोप लगे है |
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप:
Madhbi Puri Buch पर 2024 के अंत में, अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी समूह से संबंधित विदेशी फंडों में निवेश करने का आरोप लगाया था, जो कथित तौर पर हेरफेर और धोखाधड़ी से जुड़े थे। इन आरोपों में SEBI और अडानी समूह के बीच मिलीभगत का भी दावा किया गया था। हालांकि, बुच दंपति ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया था।

कार्यस्थल संस्कृति पर आरोप:
Madhbi Puri Buch पर सितंबर 2024 में, SEBI के लगभग 500 कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने SEBI कार्यालय में ‘टॉक्सिक’ कार्य संस्कृति का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि माधबी पुरी बुच बैठकों में चिल्लाती हैं, डांटती हैं और सार्वजनिक रूप से बेइज्जती करती हैं, जिससे कार्य वातावरण प्रभावित होता है |
ईन सब विवादों के बावजूद, माधबी पुरी बुच ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है और उन्हें निराधार बताया है। उनका SEBI प्रमुख का कार्यकाल 28 फरवरी 2025 को समाप्त हुआ है।
Madhbi Puri Buch कौन है ? : माधबी पुरी बुच एक प्रमुख भारतीय बैंकर और व्यवसायी हैं, जिन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। Madhbi Puri Buch का जन्म 12 जनवरी 1965 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की। उनके पति का नाम धवल बुच है।

Madhbi Puri Buch करियर :
माधबी पुरी बुच ने अपने करियर की शुरुआत आईसीआईसीआई बैंक से की थी, जहां उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी सेवा दी है। बाद में, Madhbi Puri Buch ने शंघाई में नव विकास बैंक की सलाहकार और सिंगापुर में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के प्रमुख के रूप में कार्य किया।